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    Open Interest and PCR

    ओपन इंटरेस्ट क्या है, इसे कैसे गणना की जाती है और ट्रेडिंग में इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है

    ओपन इंटरेस्ट (Open Interest) क्या है?

    ओपन इंटरेस्ट (OI) किसी विशेष वित्तीय साधन, जैसे ऑप्शंस या फ्यूचर्स के बाजार में खुले कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल संख्या को दर्शाता है। इसका मतलब है कि जितने भी कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदे गए हैं या बेचे गए हैं लेकिन अभी तक उनका निपटारा नहीं हुआ है, वे ओपन इंटरेस्ट का हिस्सा होते हैं। यह बाजार की गहराई और लिक्विडिटी को समझने में मदद करता है।

    ओपन इंटरेस्ट की गणना कैसे की जाती है?

    ओपन इंटरेस्ट तब बढ़ता है जब नया खरीददार और विक्रेता मिलकर नए कॉन्ट्रैक्ट्स बनाते हैं। जब पुराने कॉन्ट्रैक्ट्स को बंद कर दिया जाता है (यानी खरीदार और विक्रेता दोनों अपनी पोजीशन क्लोज कर लेते हैं), तो ओपन इंटरेस्ट कम हो जाता है।

    उदाहरण के तौर पर:

    • अगर एक ट्रेडर 100 नए फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदता है और विक्रेता भी 100 नए कॉन्ट्रैक्ट्स बेचता है, तो ओपन इंटरेस्ट 100 हो जाएगा।
    • यदि ये दोनों ट्रेडर अपनी पोजीशन क्लोज कर देते हैं, तो ओपन इंटरेस्ट 0 हो जाएगा।

    ओपन इंटरेस्ट के आधार पर ट्रेडिंग कैसे करें?

    ओपन इंटरेस्ट का उपयोग बाजार की दिशा और ताकत का अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है।

    1.    अगर कीमतें बढ़ रही हैं और ओपन इंटरेस्ट भी बढ़ रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि बाजार में नई खरीदारी हो रही है, और ट्रेंड को मजबूती मिल रही है।

    2.    अगर कीमतें बढ़ रही हैं लेकिन ओपन इंटरेस्ट घट रहा है, तो यह बताता है कि पोजीशन क्लोज की जा रही हैं और ट्रेंड कमजोर हो सकता है।

    3.    अगर कीमतें गिर रही हैं और ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा है, तो यह इंगित करता है कि नए शॉर्ट पोजीशन खोले जा रहे हैं, और गिरावट जारी रह सकती है।

    4.    अगर कीमतें गिर रही हैं और ओपन इंटरेस्ट घट रहा है, तो यह संकेत है कि मौजूदा पोजीशन क्लोज हो रही हैं और गिरावट रुक सकती है।

    उदाहरण:

    मान लें कि निफ्टी फ्यूचर्स का भाव 18,000 है और ओपन इंटरेस्ट लगातार बढ़ रहा है। इसका मतलब हो सकता है कि बाजार में नए खरीदार रहे हैं और कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना है। दूसरी ओर, अगर ओपन इंटरेस्ट घटने लगता है, तो यह इंगित कर सकता है कि पोजीशन क्लोज हो रही हैं और बढ़ोतरी रुक सकती है।

    PCR (Put Call Ratio) क्या है?

    Put Call Ratio (PCR) ऑप्शंस मार्केट में पुट (Put) और कॉल (Call) ऑप्शंस की संख्या का अनुपात है। इसे ऐसे समझा जा सकता है:

    PCR= पुट ऑप्शंस का कुल वॉल्यूम/ कॉल ऑप्शंस का कुल वॉल्यूम

     

    PCR एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो बाजार में मंदी या तेजी की धारणा का संकेत देता है:

    1.    अगर PCR > 1: इसका मतलब है कि पुट ऑप्शंस का वॉल्यूम कॉल ऑप्शंस से अधिक है, जो बाजार में मंदी की धारणा को दर्शाता है।

    2.    अगर PCR < 1: इसका मतलब है कि कॉल ऑप्शंस का वॉल्यूम पुट ऑप्शंस से अधिक है, जो बाजार में तेजी की धारणा को दर्शाता है।

    PCR के आधार पर ट्रेडिंग:

    • उच्च PCR (जैसे > 1.5): बाजार ओवरसोल्ड हो सकता है, और तेजी की संभावना हो सकती है।
    • निम्न PCR (जैसे < 0.7): बाजार ओवरबॉट हो सकता है, और गिरावट की संभावना हो सकती है।

    निष्कर्ष:

    ओपन इंटरेस्ट और PCR दोनों ही ट्रेडर्स को बाजार की धारणा और दिशा के बारे में बेहतर जानकारी देते हैं। ओपन इंटरेस्ट से यह समझा जा सकता है कि बाजार में नई खरीदारी या बिकवाली हो रही है, जबकि PCR से बाजार के ओवरबॉट या ओवरसोल्ड कंडीशन का अंदाजा लगाया जा सकता है। इन संकेतकों के साथ अन्य तकनीकी और मौलिक विश्लेषणों का संयोजन करके अधिक सूचित ट्रेडिंग निर्णय लिए जा सकते हैं।

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